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माता त्रिशला के 14 स्वप्न

आ वखते पर्युषण महापर्वमा महावीर जन्म वांचनना दिवसे जेओ प्रतिक्रमणमाँ हालरडु बोलवाना होय तेओ माटे खास   आजथी ज तैयारी करवा लागो चरम तिर्थाधिपती श्रमण भगवान महावीरनु हालरडु।   माता त्रिशला ज़ुलावे पुत्र पारणे ...., गावे हालो हालो हालरवाना गीत , सोना - रुपाने वळी रतने जडियु पारणु ... रेशम दोरी घुघरी वागे छुम छुम रित ...   हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे .....1   जिनजी पार्श्व प्रभुथी वरश अढीसे अंतरे , होंसे चोविसमो तीर्थंकर जिन परिमाण , केशी स्वामी मुखथी एवी वाणी सांभळी , साची साची हुई ते म्हारे अमृत वाण ..... हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे .....2   चौदे स्वप्ने होवे चक्रि के जिनराज , वित्या बारे चक्री नही हवे चक्रिराज , जिनजी पार्श्व प्रभुना श्री केशी गणधार , तेहने वचने जाण्या चोविसमा जिनराज , हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे