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जुलाई, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Suvichar - कमियाँ घातक नहीं

कमियाँ घातक नहीं; उनसे हार जाना हमारे लिए घातक होता है। डट कर मुकाबला कीजिये अपनी कमियों के साथ; सफलता जरूर आपके कदम चूमेंगी।। सुविचार - जैनिज़्म संसार #suvichar #jainismSansar #jain #jainism www.fb.com/jainismSansar

मणिभद्र वीर जी - इतिहास

उज्जैन शहर के भेरुगढ़ में श्री विक्रमादित्य कि 15वीं शताब्दी में वि.स. 1541 बसंत पंचमी के शुभ दिन श्रेष्ठीवर्य सुश्रावक धर्मप्रिय एवम सुश्राविका जिनप्रिया कि इसी जगह स्थित हवेली में एक पुत्र रत्न का जन्म हुआ जिसका नाम माणक चन्द्र रखा गया | इसी घर में पद्मावती माता का घर देरासर भी था | शेरावकाल पूर्ण करके जब योवन अवस्था में उन्होंने कदम रखा धारानगरी के भीमसेठ कि पुत्री आनंदरति के साथ उन्हें विवाह के बंधनो में बांध दिया एक बार उज्जैन में लोकशाह पंथ के साधुओं का आगमन हुआ माणकचंद्र उनके संपर्क में आकर मूर्ति पूजा से विमुख हो गया इस घटना से माँ को बहुत दुःख हुआ | जब उनकी माँ को ओलीजी का पारणा था तब माँ ने यह प्रतिज्ञा ली की जब तक माणक सन्मार्ग पार नहीं आयेगा तब तक घी का त्याग करा | इस प्रकार छ: माह व्यतित हुए | इधर उज्जैन नगरी के  बाहर बगीचे में आचार्य श्री आनंद विमलसुरिजी पधारे माता के आग्रह से माणक आचार्य श्री के पास गया और देखा कि आचार्य श्री कायोत्सर्ग ध्यान में लीन है उनकी परीक्षा हेतु माणक ने जलती हुई लकड़ी से उनकी दाड़ी जला दी फिर भी आचार्य श्री ने क्षमा करा | माणक को अपनी भुल का एह

Navkar Mantra Meaning

“ नमो अरिहंताणं ” हे अरिहंत परमात्मा ! आपने बाह्य शत्रुओं पार नहीं, आतंरिक शत्रुओं पार विजय प्राप्त की है में भी मेरे कषायो और अवगुणों पर विजय प्राप्त कर संकू, ऐसी मेरी साधना हो! “ नमो सिद्धाणं ” हे सिद्ध परमात्मा ! आपके जैसी पूर्ण निष्पापता कि अवस्था में मैं कब आ पाउँगा? पर आज आंशिक निष्पाप जीवन शैली जी संकू, ऐसी मेरी साधना हो! “ नमो आयरियाणं ” है आचार्य भगवंत ! आप ही तो हो मेरी आत्मा के अनुशासक ! आपके चरणों में रहकर आपके जैसा आचरण करू, ऐसी मेरी साधना हो! “ नमो उवझ्झाया उव्ज्झायाणं ” हे उपाध्याय भगवंत ! आपकी कृपा से मेरा अप्रकट ज्ञान प्रकट हो और मुक्ति मंजिल कि और मुझे सही दिशा व द्रष्टि मिले, ऐसी मेरी साधना हो! “ नमो लोए सव्वसाहूणं ” हे सर्व साधू भगवंतों ! आपने पंच महाव्रत स्वीकार कर छठवें गुणस्थानक में स्थान प्राप्त किया है | इस भाव में या भविष्य में मै भी मोक्ष लक्ष्य के साथ पंच महाव्रत स्वीकारू , ऐसी मेरी साधना हो!

mera ek sapna hai - मेरा एक सपना है

तर्ज - मेरा एक सपना है हो मेरा एक साथी है, बड़ा ही भोला भाला है मिले न उस जैसा वो जग से निराला है जब - जब दिल ये उदास होता है मेरा प्यारा दादा मेरे पास होता है-  2 हो मेरा एक साथी है _ _ _ _                          नई – नई पहचान बदल गई रिश्ते में- 2                          प्रभुजी मेरा सौदा पट गया सस्ते में - 2                          गिरा में जब - जब भी, उसी ने संभाला है- 2                                 मिले न उस जेसा, वो जग से निराला है जब तक रहा अकेला बड़ा दुःख पाया में, जब जब दुःख ने घेरा तो घबराया में कि सारी दुनिया में तेरा ही सहारा है मिले न उस जैसा, वो जग से निराला है _ _ _ _ _