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जैन धर्म के क्रांतिकारी मुनी श्री तरुण सागर जी के अंतिम दर्शन

जैन धर्म के क्रांतिकारी मुनी श्री तरुण सागर जी के अंतिम दर्शन मुनी श्री ने अपने कड़वे प्रवचन द्वारा सब के दिलो में मिठास भर दी थी. तारीख : ०१/०९/२०१८ भावपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🏻 जय जिनेनद्र🙏🏻

Seva kya hai? | सेवा क्या है?

सेवा क्या है?  सेवा कर्म काटने का माध्यम है। सेवा आपके मन को विनम्र बनाती है। तन को चुस्त रखती है। मन में स्थिरता का माहौल पैदा करती है। सेवा ख़ुशी है, सेवा विश्वास है। निस्वार्थ सेवा, जीवन में सुख शांति लाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। सेवा प्यार है, बड़े भाग्यशाली हैं वो लोग जिन्हें, सेवा का मौका मिलता है। क्योंकि सेवा भी उसी को मिलती है जिन पर परमात्मा की कृपा होती है।

तिथि किसे कहेते है।

जीव अकेला आता है और अकेले जाता है उसे * एकम * कहेते हैं। जीव दो प्रकार का धर्म का पालन करता है उसे * बीज * कहेते हैं। जीव देव-गुरु-धर्म कि आराधना करता है उसे * त्रीज * कहेते हैं। जीव दान,,शील,, तप,, और भाव आदरता है उसे * चोथ * कहेते हैं। जीव पाँच इन्द्रियों को वश में रखता है उसे * पाँचम * कहेते है। जीव छ: काय के जिवोकी रक्षा करता है उसे * छठ्ठ * कहेते हैं। जीव सात कुव्यसन को त्यागता है उसे * सातम * कहेते है। जीव आठ प्रकार के कर्मो को खपाने का प्रयत्न करता है उसे * आठम * कहेते हैं। जीव ब्रह्मचर्य के नव-वाड पालन करनेका प्रयत्न करता है उसे नम या * नवम * कहेते हैं। जीव दस प्रकार के यति धर्म की अनुमोदना करता है उसे * दसम * कहेते हैं। जीव श्रावक की ग्यारह पडिमा धारे उसे * अगियारस * कहेते हैं। जीव बारह प्रकार की भावना भाये उसे * बारस * कहेते हैं। जीव तेरह काठिया दूर करने का प्रयत्न करे उसे * तेरस * कहेते हैं। जीव चौदह नियमों का पालन करे उसे * चौदस * कहेते हैं। जीव पंद्रह भेदे शुद्ध नियम पाले उसे * पुनम * कहेते है।

Suvihar Jainism Sansar जैनिज़्म संसार

Deepak bolta nahi, uska prakash parichay deta hai. thik ussi prakar aap apne bare me kuch na bole, achhe karm karte rahe, wahi aapka parichay denge...

Suvichar Jainism Sansar जैनिज़्म संसार

Achhe vyavahar ka koi aarthik mulya bhale hi na ho.. lekin achha vyavahar karodo dilo ko kharidne ki shakti rakhta hai..